Friday, 29 June 2012

भारत पर हमले के लिए आतंकियों ने किया क्रिकेट का इस्तेमाल..................

नई दिल्ली।। भारत ने पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिए क्रिकेट का इस्तेमाल किया, लेकिन बदले में उसे धोखा मिला। पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों ने क्रिकेट का इस्तेमाल मुंबई अटैक की तैयारी में किया। यह सनसनीखेज खुलासा मुंबई अटैक को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाले जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल से किया है।

उससे पूछताछ जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई अहम खुलासे हो रहे हैं। जिंदाल के मुताबिक 26/11 अटैक का मुख्य आरोपी साजिद मीर उर्फ साजिद वाजिद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच देखने के बहाने भारत आया। वह दो हफ्ते तक भारत में रहा और इस दौरान उसने दिल्ली और मुंबई में कई प्रमुख जगहों की रेकी की।

मीर मुंबई अटैक के एक और मुख्य आरोपी अमेरिकी नागरिक कोलमेल हेडली से एक साल पहले ही लश्कर के अपने साथी के साथ दिल्ली-मुंबई आ चुका था। हेडली 2006 में भारत आया था। सूत्रों के मुताबिक दोनों 2005 में पाकिस्तानी पासपोर्ट पर फर्जी नाम के साथ मोहाली में भारत और पाकिस्तान का मैच देखने के बहाने आए थे।

गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ 2005 में क्रिकेट डिप्लोमेसी की शुरुआत की थी। इसके तहत पाकिस्तान के तत्कालीन प्रेजिडेंट परवेज मुशर्रफ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और पाकिस्तान का फाइनल मैच देखने आए थे।

मीर ने सारी जानकारी हेडली को दी। हेडली अगले साल जब भारत आया तो दिल्ली और मुंबई की रेकी करने में उसे यह जानकारी बडे़ काम आई। जिंदाल ने खुलासा किया है कि वह मीर ही था जिसने लश्कर आतंकी जकीउर रहमान लखवी के साथ मिलकर ताजमहल होटेल का नक्शा तैयार किया।

मुंबई पर अटैक करने वाले आतंकी इसी नक्शे की मदद से ताज होटेल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे। ब्लू प्रिंट में ताज होटेल के बॉल रूम का खासतौर पर जिक्र था। आतंकियों ने यहीं सबसे ज्यादा कहर बरपाया था। यही नहीं मीर ने ताज होटेल का मॉडल बनाकर आतंकियों को खास ट्रेनिंग दी थी।

जिंदाल ने यह भी खुलासा किया है कि हमले के बाद आतंकियों का पाकिस्तान लौटने का प्लान था, लेकिन लखवी ने इसे रद्द कर दिया। उसका तर्क था कि भारत से लौटना नामुमकिन है। वे पकड़े जा सकते हैं, जबकि भारत में उनके छिपने के कई ठिकाने हैं।

आतंकियों के मुंबई रवाना होने से पहले लश्कर के चीफ हाफिज सईद ने सभी आतंकियों को एक भड़काऊ भाषण दिया था। सईद ने आतंकियों से कहा था कि अगर वे मारे गए तो उन्हें जन्नत नसीब होगी जहां 72 कुंवारी लड़कियां उनका इंतजार कर रही होंगी।

Thursday, 28 June 2012

पाक की कैद से 30 साल बाद छूटे सुरजीत...........


नई दिल्ली।। सरबजीत के रिहा न होने के 'दुख' के बीच पाकिस्तान की जेल में उम्रकैद की सजा काटने के बाद भारतीय सुरजीत सिंह गुरुवार सुबह वाघा बॉर्डर से भारत पहुंचे। सरबजीत के रिहा न होने के गम में हर कोई सुरजीत के परिवार की खुशी को भुला बैठा। सुरजीत को गुरुवार सुबह लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहा किया गया।

इसके बाद वह पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ वाघा बॉर्डर पहुंचे। उन्हें वहां भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द किया गया। सुरजीत की रिहाई से उनके गांव व परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं सरबजीत का परिवार उनकी रिहाई के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठा है।

हाथों में थी हथकड़ी
सुरजीत जब वाघा सीमा पर पहुंचे तो उनके हाथों में हथकड़ी थी। उनकी हथकड़ी लोहे की एक जंजीर के जरिए पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी की बेल्ट से जुड़ी हुई थी। सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और काले रंग की पगड़ी लगाए सुरजीत के साथ उनके दो बैग थे। वह पुलिस की गाड़ी से वाघा पहुंचे। जब वह गाड़ी से उतरे तो उनके हाथों में हथकड़ी थी। वह लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहाई के एक घंटे बाद वाघा पहुंच गए थे।

पाकिस्तानी वकील को लगाया गले
सुरजीत ने उन्हें स्वदेश भेजे जाने की सारी औपचारिकताएं पूरी करने से पहले मुस्कुराते हुए अपने पाकिस्तानी वकील को गले लगाया। सुरजीत 30 साल से भी लंबे समय से पाकिस्तानी जेल में कैद थे। उनकी उम्रकैद की सजा 2005 में पूरी हो गई थी।

भारत पहुंचने पर सुरजीत ने कहा कि वह बेहद खुश हैं। वह भारतीय पंजाब की अटारी सीमा में बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे अपने परिवार से मिलने के लिए बेताब हैं। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान का भी शुक्रिया अदा किया। सुरजीत ने पंजाबी में बोलते हुए कहा कि पाक जेल में उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। साथ ही उन्होंने कहा,'दोनों देशों की जेलों में बंद एक-दूसरे के कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए।'

हां, जासूसी करने गया था पाकिस्तान
रिपोर्टरों से बातचीत में सुरजीत ने कहा कि वह पाकिस्तान कभी नहीं जाएंगे। सुरजीत ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान जासूसी करने गए थे। सुरजीत ने कहा मुझ पर जासूसी का आरोप है। यदि में दोबारा पाकिस्तान गया तो वे समझेंगे कि मैं फिर जासूसी करने आया हूं। यही वजह है कि मैं पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहता।

सरबजीत से हर हफ्ते मिलता था
सुरजीत सिंह ने कहा है कि मौत की सजा का सामना कर रहे सरबजीत सिंह ठीकठाक हैं और उम्मीद जताई कि वे भी जल्दी ही आजाद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि वह और सरबजीत एक ही जेल में थे और 49 वर्षीय सरबजीत से हर हफ्ते मिलते थे। सुरजीत ने बताया कि वहां उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। वह ठीक हैं।

बेनजीर ने बदली थी सुरजीत की सजा
सुरजीत सिंह 30 साल से ज्यादा वक्त से पाकिस्तान की कैद में थे। उन्हें भारतीय सीमा के नजदीक पकड़ा गया था। उस पर जनरल जिया-उल-हक के शासनकाल के दौरान जासूसी करने का आरोप लगाया गया। उन्हें 1989 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सिफारिश पर सुरजीत की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी गई थी।

Wednesday, 27 June 2012

गूगल ने लॉन्च किया अपना पहला टैबलेट 'नेक्सस 7'


















सैन
फ्रांसिस्को।।
दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियों में से एक गूगल ने आखिरकार टैबलेट मार्केट में एंट्री मार दी है। कंपनी ने बुधवार को अपने टैबलेट 'नेक्सस 7' को लॉन्च किया। डिवेलपर्स के लिए गूगल के सालाना प्रोग्राम गूगल आई/ओ के दौरान इस टैबलेट को लॉन्च किया गया।

नेक्सस 7 की खूबियां :
- सात इंच की स्क्रीन और 1280*800 पिक्सल्स की रिजॉल्यूशन
- 1.3 गीगाहर्ट्ज टेग्रा 3 प्रोसेसर
- 1 जीबी का रैम
- 8 जीबी और 16 जीबी की स्टोरेज मेमरी में उपलब्ध

टेक्नॉलजी है नई: गूगल का यह टैबलेट एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के लेटेस्ट वर्जन जैली बीन से चलेगा। इसे एसस ने तैयार किया है।

कीमत: नेक्सस 7 के 8 जीबी मेमरी वाले मॉडल की कीमत करीब 11,328 रुपये और 16 जीबी मेमरी वाले मॉडल की कीमत 14,164 रुपये के आस-पास हो सकती है। हालांकि, भारत में यह टैबलेट कब आएगा, इस बात की कोई जानकारी नहीं है। ऐपल समेत दूसरी कई बड़ी कंपनियों के टैबलेट के मुकाबले में नेक्सस 7 की कीमत काफी कम लगती है।

एंड्रॉयड का बाजार: एंड्रॉयड टैबलेट पिछले एक साल से मार्केट में बिक रहे हैं लेकिन ग्राहकों को आकर्षित करने और आईपैड के मार्केट को रोकने में वे नाकाम रहे हैं।

आईपैड को चुनौती देने में नाकाम: कई कंप्यूटर हार्डवेयर कंपनियों को सलाह देने वाली फर्म मूर इनसाइट्स ऐं स्ट्रैटिजी के अध्यक्ष पैट्रिक मूरहेड ने कहा, गूगल को लगता है कि इसने अपने पार्टनरों को फलने-फूलने और कॉम्पिटिशन करने का भरपूर मौका दिया है लेकिन वे आईपैड को टक्कर देने में नाकाम रहे हैं।

अमेजन का टैबलेट है निशाना: ऐसा माना जा रहा है कि नेक्सस 7 ऐपल के आईपैड की बजाय अमेजन के किंडल फायर के लिए ज्यादा बड़ी चुनौती साबित होगा। किंडल फायर सात इंच का टैबलेट है, जो एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पर चलता है लेकिन गूगल की कई सर्विसेज का इस्तेमाल नहीं करता। गौरतलब है कि टैबलेट मार्केट में ऐपल का शेयर सबसे ज्यादा है।

Tuesday, 26 June 2012

प्रणव 26 जून को वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देंगे...........

राष्ट्रपति पद के यूपीए उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी टॉप पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने से पूर्व आगामी 26 जून को केन्द्रीय वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देंगे।

मुखर्जी ने शनिवार को यहां वीरभूम जिले में अपने पैतृक गांव में बातचीत में कहा, 'मैं 26 जून को केन्द्रीय वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दूंगा और कांग्रेस कार्यसमिति से एक दो दिन में ही इस्तीफा दे दूंगा।'उन्होंने कहा कि वह पहले भी वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते थे लेकिन प्रधानमंत्री के देश से बाहर होने के कारण उन्हें कई मामलों पर ध्यान देना था। इससे पहले दिन में कोलकाता में उन्होंने कहा था कि वह रविवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

Thursday, 14 June 2012

क्या है राष्ट्रपति चुनाव का गणित?

राष्ट्रपति चुनाव की लड़ाई अपने निर्णायक मुकाम पर पहुंच चुकी है। रायसीना हिल पहुंचने के रास्ते में वही विजेता बनेगा, जिसे देश के सबसे अधिक विधायक और सांसदों का समर्थन हासिल होगा। इस बार वोटों की गणना इस कारण से अधिक महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो गई है क्योंकि किसी भी दल या घटक के पास अपने बूते राष्ट्रपति बनाने की ताकत नहीं है। ऐसे में समर्थन के लिए तमाम दलों को एक दूसरे की जरूरत पड़ेगी।

राष्ट्रपति चुनाव 2012 में कितने लोग वोटिंग करेंगे

लोकसभा सांसद - 543
राज्यसभा सांसद - 243
देश के कुल विधायक - 4,120
कुल वोटरों की संख्या - 4,896
कुल 4,120 विधायकों के वोटों की संख्या - 5,49,474
कुल 776 सांसदों के वोटों की संख्या- 5,49,408


एक विधायक की कीमत : किस राज्य में सबसे ज्यादा

उत्तर प्रदेश - 208
तमिलनाडु - 176
झारखंड - 176
महाराष्ट्र - 176
बिहार - 173
केरल - 152
प. बंगाल - 151
गुजरात - 147

जिन राज्यों में एक विधायक की कीमत 10 से कम
सिक्किम - 7
अरुणाचल प्रदेश - 8
मिजारेम - 8
नागालैंड - 8

दिल्ली के एक विधायक की कीमत - 58

सबसे अधिक वोट वाले राज्य

यूपी - 83,824
महाराष्ट्र - 50,400
प. बंगाल - 44,304

2007 में चुनाव नतीजे

प्रतिभा पाटिल को मिले थे वोट 6,38,116
भैरों सिंह शेखावत को मिले थे वोट 3,31,306

वोटों का कैसे होता है निर्धारण

राष्ट्रपति चुनाव में देश के सभी निर्वाचित सांसद और विधायक वोट देते हैं। सांसदों और विधायकों के वोटों की कीमत तय की जाती है।

कैसे होती है वोटों की कीमत तय?

उदाहरण के तौर पर -
आंध्र प्रदेश की कुल जनसं?या (1971 की जनगणना पर आधारित) - 4,35,02,708
वहां एक विधायक के वोट की कीमत निकालने के लिए आंध्र प्रदेश विधानसभा की जनसं?या को डिवाइड करेंगे कुल विधायकों की सं?या (294) से और इसे 1000 से गुणा करेंगे। इसका नतीजा निकलेगा 148।

एक एमपी के वोट की कीमत
एक एमपी के वोट की कीमत निकालने के लिए सभी राज्यों के विधायकों के वोट को जोड़कर उसे लोकसभा के निर्वाचित 543 और राज्यसभा के निर्वाचित 243 सदस्यों से डिवाइड किया जाता है।

चुनाव की कुछ खास बातें

- वोटिंग गुप्त बैलेट के जरिए होती है
- 1952 में एक एमपी के वोट की कीमत 49
- राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों को कम से कम 50 सांसद या विधायकों की ओर से अनुमोदन मिलना चाहिए। इसके लिए जमानत राशि 15 हजार रुपये की होती है।
- राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर होते हैं।

Tuesday, 12 June 2012

देश की आर्थिक दुर्दशा से मूर्ति और प्रेमजी हताश...........

बेंगलुरु।। विपक्षी पार्टियां और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां के बाद देश के दिग्गज उद्योगपतियों ने भी यूपीए सरकार को आर्थिक कुप्रबंधन के लिए खुलेआम कोसना शुरू कर दिया है। भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की शानदार कामयाबी से करीबी रूप से जुड़े दो लोगों ने यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। अजीम प्रेमजी और एन. आर. नारायणमूर्ति ने सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की आर्थिक संभावना को लेकर खतरा पैदा हो गया है।

मनमोहन सिंह सरकार पर की तल्ख टिप्पणी से कॉरपोरेट इंडिया के बीच सरकार की छवि का पता चलता है। आम तौर पर इस तरह की टिप्पणी सार्वजनिक रूप से देखने को नहीं मिलती है। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक मूर्ति ने केंद्र की सरकार खासकर मनमोहन सिंह की तीखी आलोचना की है। उन्होंने मॉर्गन स्टैनली रिसर्च से कहा है कि 2004 से 2011 के दौरान भारत ने ज्यादा सुधार नहीं किए हैं।

11 जून की रिपोर्ट में मूर्ति के हवाले से कहा गया है, 'जब यह सरकार बनी थी तो काफी विश्वास था कि जो भी जरूरी होगा, भारत उसे करेगा क्योंकि जो व्यक्ति 1991 के आर्थिक सुधार का चेहरा था वह अभी हमारा प्रधानमंत्री है। इसलिए भारत से बाहर भी काफी उम्मीदे थीं। ऐसा लगता है कि पिछले 3-4 महीने में भारत की इमेज को जबर्दस्त धक्का पहुंचा है। एक भारतीय के रूप में मैं इस बात से बहुत दुखी हूं कि हम इस हालात में पहुंच गए हैं।'

पिछले कुछ महीनों से यूपीए सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह बड़े फैसले लेने में बहुत ज्यादा डरती है। इस दौरान ग्रोथ और इनवेस्टमेंट की रफ्तार सुस्त हुई है, इनफ्लेशन और डेफिसिट बढ़ा है और रुपया कमजोर हुआ है। सरकार यह राग अलापती रही है कि जो भी उसके हाथ में है, वह कर रही है। सरकार ने मौजूदा स्थिति की वजह गठबंधन सरकार की मजबूरियों, क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतों और यूरोपीय क्राइसिस जैसे कारकों को बताया है, जिस पर उसका नियंत्रण नहीं है।

उधर विप्रो के संस्थापक और चेयरमैन प्रेमजी ने सोमवार को मुंबई में कंपनी के एनालिस्ट मीट में कहा, 'बतौर देश हम लीडर के बगैर काम रहे हैं।' उन्होंने यह बात उस दिन कही, जिस दिन स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स ने कहा कि भारत इनवेस्टमेंट ग्रेड गंवाने वाला पहला ब्रिक्स देश बन सकता है। बैठक में शामिल होने वाले कम से कम 5 एनालिस्ट ने ईटी से उनके इस बयान की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रेमजी ने यह भी कहा कि नीतिगत मामलों में सुस्ती किस तरह से इनवेस्टर सेंटीमेंट को खराब कर रही है। पिछले साल अजीम प्रेमजी और एचडीएफसी के दीपक पारेख जैसे 14 प्रमुख लोगों के समूह ने दो बार सरकार को पत्र लिखकर राजकाज के स्तर में सुधार करने की अपील की थी।

नोबेल पुरस्कार पर भी मंदी की मार....................

आर्थिक मंदी की मार दुनिया भर में नौकरियों पर ही नहीं पड़ रही है। इसकी वजह से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान नोबेल पुरस्कार की इनामी राशि में भी 20% की कटौती की गई है। नोबेल फाउंडेशन ने एक बयान में कहा है कि साल 2012 के लिए पुरस्कार जीतने वालों को 80 लाख स्वीडिश क्रोनर यानी 11 लाख डॉलर मिलेंगे। वर्ष 2001 से अब तक पुरस्कार विजेताओं को 1 करोड़ क्रोनर (करीब 7.70 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि दी जा रही थी।

नोबेल फाउंडेशन ने एक बयान में कहा है कि बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की 11 जून को हुई बैठक में वर्ष 2012 के लिए पुरस्कार राशि घटाने का फैसला लिया गया है। फाउंडेशन ने कहा कि कटौती के लिए आर्थिक संकट जिम्मेदार है। बयान में यह भी कहा गया है कि उसकी आय कम हुई है, जबकि खर्च बढ़े हैं।

स्टॉकहोम स्थित नोबेल फाउंडेशन मेडिसिन, भौतिकी, रसायन शास्त्र, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देता है। नोबेल पुरस्कार के जनक अलफ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत के पैसे में से ही यह पुरस्कार दिया जाता है।

फाउंडेशन के प्रमुख लार्स हीकेन्स्टेन ने बताया,'यह फैसला लेना हमारे लिए काफी कठिन था। बाजार में उथल-पुथल और संकट सबके सामने है और इसके अगले कुछ सालों तक बरकरार रहने की आशंका है।' उन्होंने कहा कि हमारे पास लंबे समय तक पूंजी की कमी न हो और आगे पुरस्कार देने में कोई दिक्कत नहीं आए, इसलिए यंह जरूरी कदम उठाया गया है।

Sunday, 10 June 2012

Corporation Bank Single Window Operators Recruitment Project:2012-13 Through (IBPS).....

No Of Posts-1500
Name of Posts-Single window Operator



**Corporation Bank has issued notification against recruitment of 1550 Single Window Operator Vacancies under Clerical Cadre. Candidates who have taken IBPS Common Written Examination for Clerical Cadre 2011-12 and who have a valid IBPS score card are only eligible to apply. Eligible candidates may apply online on or before 26-06-2012. Other details like age limit, educational qualification, application fee details, selection process and how to apply are given below…





**Candidates’ age must be between 18 years and 28 years. Cutoff date for determining age limit would be 01-08-2011. (Age relaxations will be extended as per Govt. rules).

**Candidates must be Graduates in any discipline from recognised University with 40% marks for General and 35% marks for reserved category candidates. Proficiency in Official Language and Computer literacy is must.

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aieee results-2012

AIEEE  has announced result at sunday
To chech Their result Click Here :-AIEEE RESULT-2012