Wednesday 18 July 2012

बॉलिवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का निधन...........


 















मुंबई।। हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का निधन हो गया है। 'अराधना', 'अमर प्रेम', 'सफर', 'कटी पतंग' और 'आनंद' जैसी फिल्मों में जीवंत ऐक्टिंग करने वाले राजेश खन्ना ने बुधवार दोपहर मुंबई में अपने घर पर अंतिम सांस ली। उन्हें कल ही लीलावती अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। इसके बाद बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें घर पर ही वेंटिलेटर पर रखा गया था।

70 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। 20 जून को खबर आई थी कि राजेश खन्ना ने भोजन करना बंद कर दिया, जिसके बाद उनकी हालत खराब होती चली गई। जिस समय राजेश खन्ना ने दम तोड़ा उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया, बेटी ट्विंकल खन्ना और दामाद अक्षय कुमार सहित पूरा परिवारउनके पास मौजूद था। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली बॉलिवुड के तमाम स्टार्स उनके घर पहुंचने लगे हैं और फैन्स भी जमा होने लगे हैं।
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। 1966 में उन्होंने पहली बार 24 साल की उम्र में 'आखिरी खत' नामक फिल्म में काम किया था। इसके बाद 'राज', 'बहारों के सपने', 'औरत के रूप' जैसी कई फिल्में उन्होंने की लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में 'आराधना' से मिली। इसके बाद एक के बाद एक 14 सुपरहिट फिल्में देकर उन्होंने हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार का तमगा अपने नाम किया।
1971 में राजेश खन्ना ने 'कटी पतंग', 'आनन्द', 'आन मिलो सजना', 'महबूब की मेहंदी', 'हाथी मेरे साथी', 'अंदाज' नामक फिल्मों से अपनी कामयाबी का परचम लहराए रखा। बाद के दिनों में 'दो रास्ते', 'दुश्मन', 'बावर्ची', 'मेरे जीवन साथी', 'जोरू का गुलाम', 'अनुराग', 'दाग', 'नमक हराम', 'हमशक्ल' जैसी फिल्में भी कामयाब रहीं। 1980 के बाद राजेश खन्ना का दौर खत्म होने लगा। बाद में वह राजनीति में आए और 1991 में वह नई दिल्ली से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए।


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Friday 13 July 2012

बिहार को दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी का तोहफा................

केंद्र ने बिहार को दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी देने का फैसला किया है। बिहार में दो नई यूनिवर्सिटीज गया और मोतिहारी में बनाने का फैसला हुआ है। यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर केंद्र और राज्य के बीच लंबे समय से ठनी हुई थी पर बदले सियासी माहौल ने इस स्थिति को भी बदल दिया।

केंद्र के इस फैसले के पीछे तमाम सियासी समीकरणों की अहम भूमिका रही है। राजनैतिक हलकों में इसे मौजूदा राजनैतिक हालात और आगामी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस को लग रहा है कि आगामी कई मौकों पर जेडी(यू) उसका साथ दे सकती है।

इस फैसले की जानकारी शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने दी। असल में गया में बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से केंद्र गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का इच्छुक था, जबकि नीतिश मोतिहारी में यूनिवर्सिटी चाहते थे। इसके लिए बिहार असेंबली में बाकायदा एक प्रस्ताव भी पास किया गया। इस मसले पर सिब्बल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमने-सामने आ चुके थे। दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं था। माना जा रहा है कि इस फैसले से नीतीश की बात भी रख ली गई और सिब्बल को भी झुकना नहीं पड़ा।

जम्मू-कश्मीर के बाद बिहार देश का ऐसा दूसरा राज्य होगा, जहां बतौर स्पेशल केस दो सेंट्रल यूनिवर्सिटीज होंगी। इसके लिए सरकार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऐक्ट में संशोधन करना होगा। केंद्र की ओर से राज्य को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मद में पहले से ही तय 240 करोड़ की राशि ही मुहैया कराई जाएगी, अलग से पैसा नहीं दिया जाएगा।

इस फैसले को आगामी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति पद के लिए जेडीयू प्रणव का समर्थन कर चुकी है। जहां तक उपराष्ट्रपति पद पर अंसारी को लेकर समर्थन की बात है तो माना जा रहा है कि वह अंसारी पर तैयार हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि अंसारी के नाम पर नीतिश कुमार तभी अपनी सहमति जता चुके थे, जब उन्हें राष्ट्रपति की रेस में शामिल माना जा रहा था।

जिस तरह से नीतीश पिछले कई मौकों पर अपने तेवर और स्टाइल के चलते एनडीए से अलग खड़े नजर आए हैं, उसे देखते हुए कांग्रेस को नीतीश के साथ नजदीकी बढ़ाने की संभावना बढ़ती दिखाई दे रही है। इन दोनों चुनावों के साथ-साथ एनडीए में मोदी की बढ़ती ताकत का विरोध और नीतीश की सेक्युलर इमेज जैसे तमाम कारक हैं, जिसे कांग्रेस अपने लिए जेडी(यू) से संबंधों को लेकर बेहतर संकेत मान रही है।

ली ने किया इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा..........














मेलबर्न।। दुनिया के सबसे तेज बोलरों में शामिल रहे ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी ब्रेट ली ने शुक्रवार को इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा की। यह फास्ट बोलर 13 साल के अपने कैरियर के दौरान चोटों से जूझता रहे। साल 2010 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले 35 साल के ली हाल में पिंडली की चोट से परेशान रहे थे। क्रिकेट के दूसरे 'बैस गिटार' बजाने वाले ली के भारत में काफी समर्थक हैं और उन्होंने कहा कि शरीर को पहुंच रहे नुकसान के कारण वह अपने करियर को आगे जारी नहीं रख सकते।

ली ने 'चैनल नाइन' से कहा, 'यह करियर सपने की तरह था, मुझे लगता है कि मैं 13 साल टॉप पर रहा। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं मांग सकता था।' उन्होंने कहा कि उन्होंने शुरुआत में श्रीलंका में होने वाले आगामी टी20 वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने की योजना बनाई थी।

उन्होंने कहा, '13 साल, 13 तारीख का शुक्रवार, यह मेरे लिए जाने का उचित समय है। रात को मुझे काफी अच्छी नींद नहीं आई और जब सुबह मैं उठा तो यह जाने का सही समय था। मुझे आज सुबह ऐसा अहसास हुआ और मुझे महसूस हुआ कि यह खेल छोड़ने का सही समय है।' ली ने कहा, 'यह पिछले कुछ महीनों से मेरे दिमाग में चल रहा था।'

ली ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें शानदार समय में शेन वॉर्न, ग्लेन मैकग्रा, एडम गिलक्रिस्ट तथा स्टीव और मार्क जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला जो उनके हीरो रहे थे।

इस फास्ट बोलर ने फरवरी 2010 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 76 टेस्ट मैचों में 310 विकेट हासिल किए। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बावजूद ली ने वनडे और टी20 क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व जारी रखा था। इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास के बावजूद ली ऑस्ट्रेलियाई बिग बैश और इंडियन प्रीमियर लीग में खेलना जारी रखेंगे।

आधुनिक युग के सबसे तूफानी बोलरों में शामिल ली ने 221 वनडे इंटरनैशनल मैचों में 380 जबकि 25 टी-20 मैचों में 28 विकेट चटकाए। ली ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ की और क्रिकेट के अलावा भी कई कारणों से उन्होंने इस देश का दौरा कई बार किया।

टेस्ट क्रिकेट में 1999 में ली का आना शानदार रहा और उन्होंने पहले ही टेस्ट में सात विकेट चटकाए जिसमें पहली पारी में लिए गए पांच विकेट भी शामिल हैं। ली हालांकि अपने करियर के दौरान चोटों से काफी परेशान रहे। उनके दाएं टखने के चार ऑपरेशन हुए, साथ ही वह कंधे की चोट से भी परेशान रहे।

इसके बावजूद, इससे ऑस्ट्रेलिया या भारत में ली के व्यावसायिक हित प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने महान गायिका आशा भोसले के साथ मिलकर हिट गाना गया, जबकि बॉलिवुड फिल्म में संक्षिप्त भूमिका भी निभाई। वह 2003 में दक्षिण अफ्रीका में वर्ल्ड कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के भी सदस्य थे, लेकिन टखने में चोट के कारण वह वेस्ट इंडीज में 2007 वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं ले पाए।

ली अचानक संन्यास के कारण ऑस्ट्रेलिया की ओर से ग्लेन मैकग्रा के सर्वाधिक 381 वनडे विकेट से भी एक विकेट पीछे रह गए। ली ने मैकग्रा के संन्यास के बाद नौ टेस्ट में 2155 की औसत से 58 विकेट हासिल किए थे और 2008 में एलेन बॉर्डर मेडल भी हासिल किया था।

Thursday 12 July 2012

याहू के लीक से जीमेल भी चपेट में, पासवर्ड चेक करें........

नई दिल्ली।। अमेरिकी इंटरनेट फर्म याहू के लाखों यूजर्स के पासवर्ड हैकर्स ने लीक कर दिए हैं। याहू के 4 लाख 53 हजार से ज्यादा यूजर्स के पासवर्ड लीक हो गए और उन्हें ऑनलाइन पोस्ट कर दिया गया। हालांकि इससे याहू के साथ-साथ जीमेल समेत कई वेबसाइट्स के यूजर्स भी प्रभावित हो सकते हैं। खुद को the D33Ds Company कहने वाले ग्रुप ने इस करतूत की जिम्मेदारी ली है। कई साइबर एक्सपर्ट्स ने यूजर्स को अपना पासवर्ड तुरंत बदलने की सलाह दी है।

एक सिक्युरिटी फर्म के मुताबिक, जिस सर्वर की सुरक्षा में सेंध लगाई गई वह 'याहू!! वॉइस' का हिस्सा है। इस घटना से याहू के साथ-साथ जीमेल, हॉटमेल और कई वेबसाइट्स के यूज़र्स भी प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि 'याहू!! वॉइस' याहू के अलावा दूसरे ईमेल अड्रेस से भी लॉगइन करने की सुविधा देता है। इस सर्वर को पहले असोसिएटेड कंटेंट के नाम से जाना जाता था। फर्म का यह भी कहना है कि ऐसा लगता है कि पासवर्ड एसक्यूएल इंजेक्शन अटैक के जरिए हासिल किए गए।

इस घटना से कुछ दिनों पहले एक और सोशल नेटवर्किंग साइट लिंकडेन के 64 लाख अकाउंट्स की सुरक्षा का उल्लंघन किया गया था। लिंकडेन डायरेक्टर ने इस घटना के लिए अपने यूजर्स से माफी भी मांगी थी।

अपना पासवर्ड चेक करें: आप कुछ सेकंड्स में ही चेक कर सकते हैं कि आपका पासवर्ड लीक हुआ है या नहीं। यह सुविधा सुकुरी लैब ने दी है। पासवर्ड चेक करने के लिए यहां क्लिक करें। अपना ईमेल अड्रेस डालने के बाद 'चेक मेल' पर क्लिक करें। यहां आपको तुरंत पता चल जाएगा कि आपका भी पासवर्ड लीक हुआ या आप बच गए।

IDBI Bank Recruitment 2012..........

About IDBI:-
IDBI Bank Ltd. is a Universal Bank with its operations driven by a cutting edge core Banking IT platform. The Bank offers personalized banking and financial solutions to its clients in the retail and corporate banking arena through its large network of Branches and ATMs, spread across length and breadth of India

Number of Vacancies: 500(SC-75,ST-37,OBC-135,VH-7,OH-8)
Name of Post: Executive


Educational Qualification:
A Graduate from a recognized university


Age Limit:
Maximum-35

Selection Process:
Base on Written Test and Interview.

Last Date:

September 02, 2012*



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Wednesday 11 July 2012

Dara Singh is not among us.............




































Wrestler-turned-actor Dara Singh, who was battling for life since the last five days, passed away early this morning.
84-year-old Singh was taken home from hospital by family members last night so that he could be with them in the last moments of his life.
"He passed away at 7.30 AM peacefully," Dr Ram Narain, COO, Kokilaben Hospital, told PTI.
Singh was brought to the hospital on July 7 after he had suffered a cardiac arrest and since then he was in the ICU.
From his first marriage, he has a son Parduman Singh Randhawa and from his second marriage he has five children ? two sons and three daughters including TV and film actor Vidhu Dara Singh.
The Commonwealth wrestling champion entered the film industry in the fifties and is known for his roles in "King Kong" and "Faulad". He was last seen in Imtiaz Ali's "Jab We Met" in 2007 in which he played Kareena Kapoor's grandfather.
The veteran actor also played the character of Hanuman in Ramanand Sagar's epic television series 'Ramayan'.




Standing tall with rippling muscles, wrestler-actor Dara Singh was a name to reckon with in the world of wrestling who ventured into an unusual territory -- films.
The 83-year-old will always be remembered for his variety of roles in cinema and on the small screen, the most memorable being that of Hanuman in the iconic show 'Ramayan'. Apart from making a name for himself in professional wrestling, Singh also acted in a number of Punjabi and Hindi films.
Born in a Jat Sikh family to Balwant Kaur and Surat Singh Randhawa in November 1928 in the village Dharmuchak of Amritsar district in Punjab, Singh was trained in an Indian style of wrestling, Pehlwani.
Apart from wrestling in tournaments, he wrestled on invitation of kings of Indian princely states in fairs and carnivals.
In the world of wrestling, he competed against some of the greatest names like King Kong (Australia), George Gordienko (Canada), John Desilva (New Zealand) and others.
Singh won the title of 'Rustam-E-Punjab' and 'Rustam-e-Hind' for his wrestling prowess. Also, he became the Commonwealth Champion in 1959 and in 1996 he was inducted into the Wrestling Observer Newsletter Hall of Fame.
Singh included over 500 professional fights to his credit, all undefeated.
After his retirement from wrestling in 1983, the Commonwealth wrestling champion then turned towards showbiz in 1952 with "Sangdil".
 


Tuesday 10 July 2012

तत्काल का नियम बदला, अब 8 से नहीं 10 से मिलेंगे टिकट......

वह दिन अब लद गए हैं, जब तत्काल टिकट के लिए पब्लिक को सूरज उगने से पहले ही रेलवे रिजर्वेशन के बुकिंग काउंटर पर घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। अब तत्काल टिकटों की बुकिंग सुबह 8 बजे की जगह सुबह 10 बजे से शुरू होगी। ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से खुलने के एक दिन पहले से तत्काल बुकिंग हो सकेगी। इसके अलावा, बुकिंग ओपन होने के 2 घंटे के दौरान (सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच) रेलवे के अधिकृत एजेंट भी ऑनलाइन या टिकट खिड़की से तत्काल टिकटों की बुकिंग नहीं करा सकेंगे। कुछ जगह तत्काल टिकटों के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं, जबकि बाकी जगह जल्द इसकी व्यवस्था शुरू करने की योजना है। ऐसे बुकिंग काउंटर जहां तत्काल और नॉर्मल टिकट दोनों की बुकिंग होगी, वहां सुबह 10 से 10.30 के बीच सिर्फ तत्काल टिकट मिलेंगे।

सीनियर डीसीएम अश्विनी श्रीवास्तव ने सोमवार को बताया कि रेलवे के सभी रिजर्वेशन सेंटरों पर मंगलवार से इस व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है। श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों और विवाह आदि के कारण तत्काल टिकट के दुरुपयोग की कई घटनाएं सामने आई हैं। इसके बाद रेलवे ने टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए यह कदम उठाया है।

दरअसल, एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर के सहारे लखनऊ-बस्ती और बिहार के कई इलाकों में टिकटों की कालाबाजारी पकड़ी गई है। यह सॉफ्टवेयर बेंगलुरु और अहमदाबाद से देश के तमाम हिस्सों में दलालों के पास पहुंच गया था, जिससे 1 मिनट में ही तत्काल सेवा की 10 टिकटें बन जाती हैं। एसी कोच का टिकट लेने के लिए यात्री को डेढ़ हजार रुपये तक अतिरिक्त देने पड़ते थे। श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली से सभी केंद्रों को इसकी तैयारी करने के लिए कहा गया था। मुंबई-दिल्ली और कोलकाता से लेकर लखनऊ, पुणे और रायपुर में नई व्यवस्था मंगलवार से शुरू होने की संभावना है। हालांकि, रेलवे के इस नए फरमान की काट निकालने की कोशिश में एजेंट जुट गए हैं।